नक़ली सुगम विद्यालयों से दुर्गम विद्यालयों में स्थानांतरण हेतु मची होड़

नक़ली सुगम विद्यालयों से दुर्गम विद्यालयों में स्थानांतरण हेतु मची होड़ 



(तहलका यूके/रुद्रप्रयाग)

रुद्रप्रयाग।जनपद रुद्रप्रयाग में विभागीय लापरवाही आम शिक्षकों पर भारी पड़ रही है। जनपद रुद्रप्रयाग में पूर्व से माध्यमिक विद्यालयों कोटिकरण में भारी विसंगति है जिससे वर्षों से दुर्गम में कार्यरत शिक्षक जिनके विद्यालय नक़ली सुगम कर दिये गये, उनकी सेवा सुगम होने से आम शिक्षकों में भारी निराशा है। जनपद रुद्रप्रयाग में दैडा, ल्वारा, लमगोंडी, कंडारा, क्यूँजा, नारायणकोटी, खुमेरा, कांडा भरदार आदि कई विद्यालय नक़ली सुगम होने का दंश झेल रहे हैं जिसके कारण न सिर्फ़ शिक्षक प्रभावित है अपितु नयी नियुक्ति और प्रमोशन वाले शिक्षक भी वहाँ नहीं आ पा रहे हैं जिससे छात्र हित प्रभावित हो थे हैं। अकेले कण्डारा से ही आधा दर्जन से ज़्यादा स्थानांतरण हेतु आवेदन किए गए थे और इसी तरह अन्य सभी नक़ली सुगम विद्यालयों से स्थानांतरण हेतु शिक्षकों द्वारा स्थानांतरण हेतु आवेदन किया गया था, इसका यह नतीजा निकला कि कई शिक्षकों का सुगम से दुर्गम स्थानांतरण हो गया है।

पूर्व में जनप्रतिनिधियों की सहायता से तत्कालीन ज़िलाधिकारी वंदना सिंह के समक्ष इस प्रकरण को रखा हुआ था और ज़िलाधिकारी महोदय ने सहानुभूति पूर्वक विचार कर अग्रिम कार्रवाई का आश्वासन दिया था लेकिन अचानक उनका स्थानांतरण होने पश्चात यह मामला फिर से ठंडे बस्ते में चला गया। पूर्व में भी इसके लिए समिति बिठायी गई थी लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकला लेकिन प्रयास जारी हैं। इसी तरह अटल आदर्श विद्यालयों में भी और कई शिक्षकों ने आवेदन किया और उनमें काफ़ी स्थानांतरण दुर्गम विद्यालय में हो गये हैं। सरकार द्वारा शिक्षा विभाग की स्थिति प्रयोगशाला के चूहे जैसी कर दी गई है जिसका जीता जागता उदाहरण वर्तमान में संचालित अटल आदर्श विद्यालय हैं और इन ग़लत नीतियों के कारण शिक्षकों का अहित हो रहा है।

इस संबंध में ब्लॉक अध्यक्ष उखीमठ गजेंद्र करासी द्वारा भी भारी निराशा जतायी गई।

आज पूर्व ब्लॉक मंत्री राजकीय शिक्षक संघ भानु प्रताप सिंह रावत ने इस संबंध में विधायक केदारनाथ शैला रानी रावत से मुलाक़ात की इन इस संबंध में चर्चा की।  विधायक द्वारा इस संबंध में सहायता हेतु आश्वासन दिया। पूर्व ब्लॉक मंत्री भानु प्रताप सिंह रावत ने कहा कि अब शिक्षकों का और उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जनपद में जनप्रतिनिधियों, प्रभावित शिक्षकों, शिक्षक प्रतिनिधियों और सक्षम अधिकारियों की मदद से सुधार हेतु प्रयास किए जाएंगे लेकिन सही हल ना मिलने पर आंदोलन हेतु बाध्य होना पड़ेगा और इस परिप्रेक्ष्य में जल्द ही एक आवश्यक बैठक की जाएगी

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