
रुद्रप्रयाग।महान हिंदी कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल की जयंती के अवसर पर कलश ट्रस्ट रुद्रप्रयाग द्वारा पहाड़ी भुला ग्रुप तिलवाड़ा के संयोजन में एक भावनात्मक साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन ओम प्रकाश सेमवाल और अरुण चमोली ने किया, जबकि आशीष कंडारी ने स्वागत भाषण देकर सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का अभिनंदन किया।
बताते चलें कि प्रसिद्ध हिमवंत के चितेरे कवि चन्द्र कुँवर बर्त्वाल की आज 106 वीं जंयन्ती पर तिलवाड़ा में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत चंद्र कुंवर बर्त्वाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से हुई। इसके उपरांत अतिथियों में शिक्षाविद राजेंद्र प्रसाद सेमवाल, कुसुम भट्ट और चीफ डिफेंस काउंसिल उदय जगवाण उपस्थित रहे। कार्यक्रम में चंद्र कुंवर बर्त्वाल की प्रसिद्ध कविताओं का वाचन किया गया, जिनमें अब छाया में गुंजन होगा, मंदाकिनी तू मंद गति से मस्तानी जन चलदी री, तुम मलिन क्यों हो गई प्रिय चंद्रिके, कहीं वह युग मर गया है,उसे वृक्ष छाया देते हैं, नदियां पानी शामिल रही। यहाँ आयोजित कवि गोष्ठी में स्थानीय कवियों ने अपनी रचनाओं से कार्यक्रम को जीवंत कर दिया। जिनमें जगदंबा प्रसाद चमोला ने कभि बौंड वबरा, कभि खौळा मा नचौणू, शैलेन्द्र बर्त्वाल में हिमालय बटिन बगणू च, कुसुम भट्ट ने मुझको तो हिम से भरे पहाड़ ही प्यारे हैं कि प्रस्तुतियां दी।
कार्यक्रम में अंशुल जगवाण, धीरज झिंक्वाण, अनुराग पंवार, लोकेश राणा, दिव्यांशु कंडारी, संगीता किमोठी, शशि गुसाईं, इंदु नौटियाल, संगीता नेगी और शांति भट्ट सहित बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी एवं स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।



