रुद्रप्रयाग । उत्तराखण्ड के पहाड़ों में आय दिन भूस्खलन,भूधसाव जैसी घटनाओं का बढ़ना बहुत बड़े दुष्परिणाम के संकेत नजर आ रहे हैं, अगर मनुष्य ने अपने स्वार्थ को लेकर प्रकृति के साथ होने वाले खिलवाड़ को नही रोका तो इसके बुरे बुरे प्रभाव भुगतने पड़ेंगे।
गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध भू वैज्ञानिक डॉ. एम पी एस बिष्ट ने बताया कि लगातार अलकनंदा, मंदाकिनी नदीयों की तलहटी क्षेत्रो में भूधसाव, भूस्खलन जैसी घटनाएं बढ़ती जा रही है, इसके लिए मनुष्य खुद जिम्मेदार है। क्योंकि मनुष्य ने प्रकृति के साथ चलना छोड दिया है, और प्रकृति को अपने स्वार्थ, विकास, लालच के हिसाब से चलाने की कोशिशें की जा रही है। मनुष्य प्राकृतिक मजबूत पहाड़ों में अपनी सुविधा, स्वार्थ के लिए जगह जगह सड़कें, टनलें, बड़े बड़े होटल, लाजो का निर्माण करते जा रहे हैं, जिससे पहाड़ियां कमजोर होती जा रही है, यही प्रमुख कारण है कि पहाड़ो में हर साल नए नए डेंजर जोन तैयार हो रहे हैं।
भूवैज्ञानिक बिष्ट का मानना है कि इंसान को जिस जगह रहना चाहिए वह वहाँ नही रह रहा, बल्कि अपनी सुविधा, लालच में जहाँ नहीँ रहना चाहिए वहाँ बस जा रहे हैं। समय रहते अभी भी नहीं सम्भले तो आने वाले समय में बड़ा नुकसान भी झेलना पड़ सकता है।






