रुद्रप्रयाग।द्वितीय केदार भगवान मध्यमहेश्वर धाम के कपाट 18 नवंबर को विधिविधान और मंत्रोच्चार के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। पुजारी शिव शंकर लिंग ने बताया कि कपाट बंद होने के बाद भगवान मध्यमहेश्वर की चल विग्रह डोली परंपरानुसार तीन दिवसीय पैदल प्रवास पर रवाना होगी और 21 नवंबर को ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी। शीतकालीन पूजा-अर्चना यही ओंकारेश्वर मंदिर में आगामी छह माह तक संपादित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि कपाट बंद होने से पहले मंदिर परिसर में विशेष पूजा, अनुष्ठान और भक्तों की अंतिम दर्शनों की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके बाद डोली अपने पारंपरिक पड़ावों—गोडार, रासी ओर गिरिया होते हुए ऊखीमठ पहुंचेगी। मध्यमहेश्वर धाम के कपाट हर वर्ष हिमपात की संभावनाओं को देखते हुए नवंबर माह में बंद किए जाते हैं और शीतकालीन पूजा ऊखीमठ में ही संपन्न होती है।






