रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग–गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग-107 पर कटिंग कार्य में हो रही अनियमितताओं को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है। तिलवाड़ा में जहां 14 मीटर कटिंग की जा रही है, वहीं आठ किलोमीटर आगे सिल्ली में 24 मीटर तक कटिंग का कार्य किया गया है, जिससे विभाग के मानकों पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि एनएच विभाग और जिला प्रशासन की नीतियां स्पष्ट नहीं हैं। एक ओर कुछ व्यापारियों को मुआवजा बांटने के बाद भूमि अधिग्रहण नहीं किया गया है, वहीं कई प्रभावित अब उसी जमीन पर दोबारा कब्जा कर अतिक्रमण कर रहे हैं।
लोगों का आरोप है कि करोड़ों रुपये का मुआवजा लेने के बावजूद कई भवन आज भी जस के तस खड़े हैं और विभाग इन पर कार्रवाई नहीं कर रहा। दूसरी ओर कुछ प्रभावितों पर कार्रवाई तेज है, जिससे पक्षपात और मिलीभगत की आशंका गहराती जा रही है। सिल्ली निवासी देवी प्रसाद गोस्वामी ने कहा कि सिल्ली बाजार पूरी तरह समाप्त हो चुका है, जबकि तिलवाड़ा में राहत दी गई है। उन्होंने कहा कि विभाग ने अपने मानक खुद बदल दिए हैं, जिससे लोगों की आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है। सामाजिक कार्यकर्ता हरीश गुंसाई का कहना है कि चारधाम परियोजना बिना धरातलीय अध्ययन के बनाई गई है और इसमें एएसआई रिपोर्ट तक शामिल नहीं की गई। उन्होंने कहा कि मुआवजा बांटने में भी अनियमितताएं हुईं — किसी को पैसा मिला तो किसी की जमीन काट ली गई।
इधर, एनएच विभाग के अधिशासी अभियंता ओंकार पांडेय ने कहा कि रुद्रप्रयाग से सीतापुर तक 24 मीटर कटिंग का कार्य होना था, लेकिन कुछ व्यापारियों ने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया है, इसलिए तिलवाड़ा में 14 मीटर कटिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि सिल्ली में भूमि का अधिग्रहण 24 मीटर तक हुआ है, जहां 17 भवन तोड़े जा चुके हैं और बाकी पर कार्यवाही चल रही है। पांडेय ने अनुरोध किया कि जिन लोगों को मुआवजा दिया गया है, वे स्वयं अपना अतिक्रमण हटा लें, अन्यथा विभाग सख्त कार्रवाई करेगा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि एनएच विभाग के दोहरे मापदंड से पूरे क्षेत्र में असंतोष फैल गया है और यदि स्थिति जल्द नहीं सुधरी, तो आंदोलन की राह अपनानी पड़ सकती है।






