रूद्रप्रयाग की निरंकुश उपजिलाधिकारी के खिलाफ लोगों ने खोला मोर्चा

 रूद्रप्रयाग की निरंकुश उपजिलाधिकारी के खिलाफ लोगों ने खोला मोर्चा।



(डेस्क तहलका यूके न्यूज/रुद्रप्रयाग)

रूद्रप्रयाग। विधानसभा चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता लगने के बाद से ही रूद्रप्रयाग जनपद में जिम्मेदार नौकरशाही का अकडेल और निरंकुश रवैया देखने को मिल रहा है। खासतौर पर उप जिलाधिकारी अर्पना ढौडियाल का जन प्रतिनिधियों, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ता से लेकर आम जन मानस का एक फोन कॉल तक न उठाना उनके निरंकुशता को दर्शाता है। 


भाजपा जिला महामंत्री विक्रम सिंह कण्डारी ने कहा कि कई महिनो से  उप जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग से  फोन पर सम्पर्क किया गया लेकिन उनके द्वारा कॉल रिसीव नहीं की गई, ऐसा हो सकता है कि एक दो बार बैठक या अन्य कार्यों में बिजी होने के कारण कॉल रिसीव न की गई हो लेकिन कभी भी कॉल न उठाना जनता के प्रति घोर गैरजिम्मेदराना रवैया है। उन्होंने ने कहा उपजिलाधिकारी के इस गैर जिम्मेदाराना रवैया के लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जायेगा।


आम आदमी पार्टी के नेता प्यार सिंह नेगी ने कहा प्रशासन और जनता के बीच समन्वय बना रहना बहुत जरूरी है, उप जिलाधिकारी जैसे जिम्मेदार पद पर रहते हुए फोन ना उठाना  अधिकारी की निरंकुशता दर्शाता है। उन्होंने कहा पूर्व के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल व्हाट्सएप मैसेज के माध्यम से ही जनता की शिकायत का समाधान करते थे और फोन ना उठाने की दशा में वे कॉल बेक भी करते थे। लेकिन जिस तरह से वर्तमान में लगातार शिकायतें मिल रही है कि उप जिला अधिकारी किसी का फोन नहीं उठा रही है तो यह बहुत ही गैर जिम्मेदाराना रवैया है। 


स्वयं तहलका यूके न्यूज़ द्वारा कहीं दिनों से उप जिलाधिकारी को कॉल किया जा रहा है लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया जा रहा है। इससे समझ सकते हैं उप जिलाधिकारी जनता के प्रति कितनी लापरवाह नजर आ रही है। जनता से संबंधित कहीं समस्याओं और मुद्दों पर तहलका यूके को उप जिलाधिकारी से बात करनी थी लेकिन उनके द्वारा फोन कॉल रिसीव नहीं की जा रही है ऐसे में समझ सकते हैं कि इस जिले में उप जिलाधिकारी किस तरह से निरंकुश बनी हुई है और यह भी समझा जा सकता है कि जब अधिकारी इतने गैर जिम्मेदार रवैया अपनाएंगे तो जनता की समस्याओं का समाधान फिर होगा कैसे? 


पूरे मामले में जब जिलाधिकारी मनुज गोयल से कहा गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले में उप जिला अधिकारी से बात की जाएगी हालांकि  यह सर्वविदित है किस जिले में अधिकारी जिलाधिकारी की बातों और निर्देशों को ज्यादा गंभीरता से लेते दिखे नहीं हैं। 


 अभी केवल जिले वासियों की समस्या के प्रति अधिकारी इस तरह से लापरवाह बने हैं जबकि जिले में बाबा केदारनाथ यात्रा मई माह में आरंभ होनी है और जिस तरीके से जिले के अधिकारी   किस प्रकार की गैर जिम्मेदार रवैया अख्तियार किए हैं उसे आने वाले दिनों में जब देश विदेश के तीर्थ यात्री जिले में पहुंचेंगे किस तरह से अव्यवस्था का आलम रहेगा इसे आसानी से समझा जा सकता है।

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