रुद्रप्रयाग : रुद्रप्रयाग जिले की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा केदारनाथ यात्रा पर निर्भर है और जिलाधिकारी प्रतीक जैन के अनुसार बीते वर्ष जिले द्वारा उत्पन्न करीब 5000 करोड़ रुपये के कुल GDP में से लगभग 2000 करोड़ रुपये सिर्फ केदारनाथ यात्रा से जुड़े आर्थिक गतिविधियों से आए। या नी वर्षभर के कुल GDP का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा केवल चार महीनों की यात्रा अवधि में जनरेट होता है, जो जिले में इस यात्रा की आर्थिक महत्ता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
यात्रा से सीधे रूप से होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे, टैक्सी सेवाओं, दुकानों और विभिन्न सेवा क्षेत्रों को लाभ मिलता है, जबकि फूल-माला, प्रसाद, अगरबत्ती, घी जैसे मंदिर में उपयोग होने वाले सामानों की आपूर्ति करने वाले स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में लाभान्वित होते हैं। यात्रा से जुड़ी द्वितीयक गतिविधियाँ हजारों परिवारों की आय का स्थायी स्रोत बनी हुई हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि प्रशासन का प्रयास है कि इस यात्रा-आधारित अर्थव्यवस्था को और मजबूत किया जाए। इसके लिए राज्य सरकार की पॉलीहाउस योजना का उपयोग करते हुए यात्रा मार्ग पर किसानों के लिए पॉलीहाउस स्थापित किए जाएंगे, जिससे मंदिर में उपयोग होने वाले गेंदे के फूल स्थानीय स्तर पर ही तैयार हो सकें। पॉलीहाउस से बंदरों और जंगली सूअरों से होने वाले नुकसान में कमी की भी उम्मीद है। सरकार इस योजना में 80 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान कर रही है, जिसमें से 10 प्रतिशत राशि लोन के रूप में भी उपलब्ध होगी।
पर्यटन सुविधाओं के विस्तार के लिए होमस्टे योजना को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने बताया कि यात्रा मार्ग पर स्थानीय परिवारों को होमस्टे निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सके और स्थानीय लोगों की आय में वृद्धि हो। सरकार इस योजना में 35 से 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी दे रही है, जिससे स्थानीय परिवार छह कमरों तक के होमस्टे तैयार कर सकेंगे।
जिलाधिकारी ने कहा कि केदारनाथ यात्रा केवल धार्मिक आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि जिले की अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ है। इसी कारण प्रशासन का लक्ष्य यात्रा को अधिक सुव्यवस्थित, सुरक्षित और आर्थिक रूप से लाभकारी बनाना है, ताकि स्थानीय लोगों को इसका अधिक से अधिक फायदा मिल सके।






