रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी ने अगस्त्यमुनि मैदान को लेकर तीखा बयान देते हुए कहा कि यह मैदान काफी पहले बन जाना चाहिए था, लेकिन अब जब इतना पैसा खर्च हो चुका है, तो बीच में विरोध या ट्रोलिंग से काम नहीं रुक सकता। उन्होंने कहा कि शुरू में ही रोक देते तो बात अलग थी, पर अब कार्य पूरा होकर ही रहेगा। चौधरी ने बताया कि उन्होंने पत्रकारों को भी सलाह दी थी कि अनावश्यक विवाद न करें, पर उनके बयान पर लोगों ने उन्हें खूब ट्रोल किया। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ जो कुछ भी बोला गया, वह नई बात नहीं है, दुनिया भर में ऐसे ही हालात रहते हैं और हमारी स्थिति भी कुछ अलग नहीं।
उन्होंने कहा कि वे स्वेच्छा से जनता की सेवा में आए हैं और सेवा को अपना सहज कर्म मानते हैं, जिसमें गलती भी हो जाए तो उसे स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए। चौधरी ने उदाहरण देते हुए कहा कि दुनिया की सबसे पवित्र वस्तु अग्नि है, लेकिन वह भी धुआँ छोड़ती है, फिर भी अग्नि प्रज्ज्वलित करना कोई नहीं छोड़ता। उन्होंने लोगों के व्यवहार पर भी चुटकी ली और कहा कि गांव में अगर पटवारी का चपरासी भी चला जाए तो स्वागत में पकोड़े तलने लगते हैं, लेकिन जब विधायक जाता है तो ऐसा माहौल बना दिया जाता है जैसे चुनाव आने वाला हो और पूरे गांव को पहले से अभ्यास करवाया गया हो।
अपने राजनीतिक भविष्य पर बोलते हुए चौधरी ने कहा कि वे जिले के पूर्णकालिक सेवक हैं और जब तक जिंदा हैं, सेवा करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी कोई नौकरी, चाकरी, ठेकेदारी, दुकानदारी या गद्दारी नहीं है, और जो लोग उनकी बातें सुन रहे हैं वे यह संदेश दे दें कि वे 2032 तक ही विधायक रहेंगे। इसके बाद भी वे सेवा करते रहेंगे और यदि 2027 में वे दोबारा लौट आए, तो क्रीड़ा भवन भी बनकर तैयार होगा। उनका यह बेबाक और तंज भरा बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।






