केदारनाथ के लिए संचालित हवाई सेवाओं से आमजन परेशान ग्रामीणों ने हेली कंपनियों पर मानकों के अनुरूप न चलने का लगाया आरोप

केदारनाथ के लिए संचालित हवाई सेवाओं से आमजन परेशान ग्रामीणों ने हेली कंपनियों पर मानकों के अनुरूप न चलने का लगाया आरोप।



(Tehelka uk न्यूज)

गुप्तकाशी। बिपिन सेमवाल। केदारनाथ धाम के लिए संचालित हवाई सेवा से आम लोगों का जन जीवन  त्रस्त हो गया है। स्थानीय लोगों का सुख चैन पूरी तरह से अवरुद्ध हो चुका है,  आलम यह है कि ग्रामीणों द्वारा आपस में गुफ्तगू करने के लिए रात का इंतजार कर रहे हैं।  गुप्तकाशी मस्ता से उड़ने वाला आर्यन एवियशन मानकों के इतर फ्लाइंग कर रहा है।  डीजीसीए तथा यूकाडा के नियमों के अनुसार जो निश्चित ऊंचाई मेंटेन रखनी थी,उसका आर्यन एवियशन  दस फीसद भी पालन नहीं कर पा रहा है।  निकट स्थित प्राथमिक विद्यालय ह्यून  तथा गांव  के ऊपर से आर्यन एवियशन का बेखौफ  हेलीकॉप्टर भारी गर्जना कर केदारनाथ धाम की ओर आवाजाही कर रहा है । कई बार तो यूं लगता है जैसे यह हेलीकॉप्टर किसी के छत को स्पर्श करके उड़ रहा हो। जिस कारण गौशाला में रह रहे मवेशी, तथा छोटे-छोटे बच्चों में डर तथा खौफ का माहौल तैयार हो रहा है।  निक्तस्थ स्कूल जिसमें करीब 10 छोटे-छोटे बच्चे अध्यनरत है, इस स्कूल के ठीक ऊपर से  प्रातःकाल 6 बजे से शाम के 5  बजे तक निरंतर हेलीकॉप्टर के शोर से उनकी पढ़ाई तो बाधित हो ही रही है , साथ-साथ उनके कानों में भी श्रवण संबंधी विभिन्न विकार पैदा होने लगे हैं । जिस कारण इस स्कूल से बच्चों का मोह भंग हो रहा है।  स्थानीय निवासी विष्णु दत्त ने कहा कि आर्यन एवियशन  जहां स्थानीय लोगों को तवज्जो नहीं दे रही है, वहीं दूसरी ओर बेखौफ होकर गांव तथा स्कूल के छत को लगभग स्पर्श करते हुए आवाजाही कर रहा है। जिस कारण गांव में रह रहे बुजुर्ग तथा मवेशियों में खौफ का माहौल पनप रहा है।  उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी उक्त एविएशन के खिलाफ सीएम पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज की गई है, लेकिन चार माह गुजरने के बाद भी अभी तक उक्त दिशा में कोई भी सकारात्मक कार्य प्रशासन और शासन नहीं कर पाया है। जबकि आज केदारनाथ बाबा के कपाट बंद हो गए है यह हेलिकॉप्टर भी आगामी 6 माह के लिए अपने स्थान की ओर निकल जाएंगे। उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर के शोर से गांव तथा गांव के ग्रामीणों का मवेशियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। कहा कि सीएसआर फंड द्वारा अभी तक गांव में एक फीसद कार्य भी नहीं हो पाया है, अब यक्ष प्रश्न यह है कि आखिरकार प्रॉफिट का 2% सीएसआर फंड कहां खर्च किया जा रहा है ।

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